भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टिंयां
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की शुरुआत में कांग्रेस ही एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी। 1951 के बाद राजनीतिक पटल पर भाजपा का उदय हुआ। इसके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी राष्ट्रीय स्तर की...
View Articleभारत में लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारतीय लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। इसमें त्रिस्तरीय चुनाव होते हैं- लोकसभा, विधानसभा तथा नगर/ ग्राम पंचायत चुनाव। इसके अलावा मंडी जैसे निकायों के भी चुनाव संपूर्ण पारदर्शिता...
View Articleभारत की राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह की जानकारी
लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियां अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ती है। यह चुनाव चिन्ह पार्टियों की रीति-नीतियों को भी प्रदर्शित करता है। आइए जानते हैं भारत की प्रमुक राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह के...
View Articleभारत के अब तक के प्रधानमंत्री
आजादी के लंबे और रोमांचकारी क्रांतिकारी आंदोलन के परिणामस्वरूप देश 15 अगस्त 1947 को पराधीनता की बेड़ियों को काटकर स्वाधीन हुआ था।
View Articleलोकसभा चुनाव से जुड़ी रोचक जानकारियां
दुनिया के सबस बड़े लोकतंत्र भारत में पहली बार लोकसभा चुनाव 1951-52 में हुए थे। यह चुनावी यात्रा तब से सतत जारी है। पाठकों की जानकारी के लिए हम यहां लोकसभा चुनाव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य दे रहे हैं, जो...
View Articleभारत की पहली लोकसभा...
भारत की पहली लोकसभा के लिए 1951 में चुनाव हुआ था। उस समय कौन नेता किस सीट से सांसद था और क्या लोकसभा की सीटों और राज्यों के के नाम यही थे, या फिर कुछ और।
View Articleलोकसभा चुनाव : सांसदों की क्षेत्रवार सूची
लोकसभा चुनाव 2014 के चुनावों का बिगुल बच चुका है। जानिए लोकसभा 1996, 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा सांसदों की क्षेत्रवार सूची।
View Articleलोकसभा चुनाव 2014 : किस राज्य में कितनी सीटें...
लोकसभा चुनाव 2014 : किस राज्य में कितनी सीटें...
View Articleलोकसभा चुनाव 2009 में दलीय स्थिति
लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टियां 272 के जादुई आकड़े को नहीं छू सकी थी। देखते हैं 2009 की दलीय स्थिति-
View Articleक्या इस चुनाव में कांग्रेस गर्त में पहुंचेगी?
भारतीय राजनीति में कांग्रेस का हमेशा दबदबा रहा है और ज्यादातर समय यही पार्टी सत्तारुढ़ रही है। पिछले दस वर्षों से भी यही सत्ता पर काबिज है, लेकिन 2014 में हो रहे चुनावों में इस पार्टी को मुश्किलों का...
View Articleतब चुने जाते थे एक सीट से दो सांसद..!
नई दिल्ली। आजादी के बाद 1951 में देश में हुआ पहला आम चुनाव करीब चार महीने चला था और इस आम चुनाव का रोचक पहलू यह रहा कि इस चुनाव में 86 संसदीय क्षेत्र दो सीटों वाले और एक संसदीय क्षेत्र तीन सीटों वाला था।
View Articleमोदी दो सीटों से चुनाव लड़ने वाले दूसरे पीएम प्रत्याशी
नई दिल्ली। इंदिरा गांधी के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के पहले ऐसे घोषित प्रत्याशी हैं जो एक साथ दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी 16वीं लोकसभा के...
View Articleपहले आम चुनाव की कहानी...
15 अगस्त 1947 को जब भारत बरतानवी हुकूमत की दासता से आजाद हुआ था तब किसने कल्पना की होगी कि संसदीय लोकतंत्र अपनाकर हम दुनिया की सबसे बड़ी चुनाव प्रक्रिया वाला देश बन जाएंगे। 16वीं लोकसभा के चुनाव के लिए...
View Articleनेहरू का करिश्मा बरकरार रहा, भाषायी विभाजन खतरा खत्म हुआ
लोकसभा का दूसरा आम चुनाव 1957 में हुआ। 1956 में भाषायी आधार पर हुए राज्यों के पुनर्गठन के बाद लोकसभा का यह आम चुनाव पहला चुनाव था। तमाम आशंकाओं के विपरीत 1952 के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस की सीटें...
View Articleइंदिरा हत्याकांड के बाद हुआ था सर्वाधिक मतदान
नई दिल्ली। देश में इस बार मतदाता जमकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अब तक लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक 64.01 प्रतिशत मतदान 1984 में हुआ था, तब कांग्रेस को भारी सफलता मिली थी।
View Articleकांग्रेस जीती लेकिन नेहरू के करिश्मे की चमक फीकी हुई
सन 1962 में तीसरा आम चुनाव आते-आते प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सफेद चादर थोड़ी-थोड़ी मैली हो चुकी थी। उनके अपने ही दामाद सांसद फिरोज गांधी ने मूंदड़ा कांड का पर्दाफाश किया था जिसके चलते नेहरू सरकार के...
View Articleभारतीय राजनीति में बदलाव की बयार, कांग्रेस के वर्चस्व को मिली चुनौती
सन् 1967 में हुए चौथे आम चुनाव से भारतीय राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। इस आम चुनाव की काफी कुछ पृष्ठभूमि 1962 में हुए तीसरे आम चुनाव में ही तैयार हो गई थी। 1962 से 1967 के बीच जो कुछ हुआ...
View Articleदेश ने देखा इंदिरा गांधी का मोहिनीअट्टम
बरतानवी हुकूमत से देश के आजाद होने के साथ ही जिस तरह महात्मा गांधी की कांग्रेस अनौपचारिक रूप से समाप्त हो गई थी, ठीक उसी तरह जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस भी उनकी मौत के चंद सालों बाद यानी 1969 में...
View Articleकांग्रेस की सत्ता से बेदखली का ऐतिहासिक जनादेश, देश को मिली दूसरी आजादी
आजाद भारत के चुनावी इतिहास में 1977 का आम चुनाव हमेशा बेहद शिद्दत से याद किया जाएगा, क्योंकि यह आम चुनाव इससे पहले और इसके बाद अब तक हुए सभी आम चुनावों से कई मायनों में अलग था।
View Articleजनता पार्टी के प्रयोग का दर्दनाक अंत, कांग्रेस की वापसी
आपातकाल के दुर्भाग्यपूर्ण कालखंड की कोख से 1977 में जिस नए गैर-कांग्रेसी प्रयोग का जन्म हुआ उसने 1980 आते-आते दम तोड़ दिया। जनता पार्टी में शामिल विभिन्न घटक दलों के नेताओं ने अपनी आपसी कलह से कांग्रेस...
View Article